कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने 136 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं बीजेपी 65 तो जेडीएस ने 19 सीटों पर जीत हासिल की. जबकि अन्य के खाते में चार सीटें हैं.
कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने प्रचंड जीत दर्ज की है. पार्टी ने राज्य में 136 सीटों पर जीत हासिल की है तो भाजपा को 65 सीटों पर सफलता मिली है. वहीं जेडीएस के हिस्से में 19 सीटें ही आई हैं. जबकि चार सीटों पर अन्य ने जीत हासिल की है. कांग्रेस को मिली इस जीत के कई मायने निकाले जा रहे हैं. कुछ लोग इस जीत का श्रेय राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को दे रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसे भाजपा की सांप्रदायिक और अतिवादी नीति की हार बता रहे हैं. जनता का जनादेश साफ है कि उन्होंने भाजपा की बजाए कांग्रेस को चुना है. पार्टी को मिली जीत का जश्न बेंगलुरु से लेकर दिल्ली तक जारी है.
दिल्ली के 24, अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर भी जश्न का माहौल देखने को मिला. कांग्रेस के नेताओं ने दोपहर से ही जमकर आतिशबाजी शुरू कर दी थी. वहीं बाद में राहुल गांधी ने मीडिया को संबोधित किया. दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पर कल से ही तैयारियां तो शुरू हो गई थीं लेकिन दोपहर होते-होते सारी तैयारियां धरी रह गईं.
बीजेपी मुख्यालय पर जब न्यूज़लॉन्ड्री की टीम पहुंची तो वहां लोग जीत की उम्मीद में लगाए गए शामियाने को समेटते नजर आए. वहां एक सिक्योरिटी गार्ड ने कहा कि उम्मीद थी कि कर्नाटक में भाजपा जीत हासिल कर लेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
समान समेटने वाले एक मजदूर युवक ने कहा, "कनार्टक के चुनाव के लिए यहां सुबह एक मीटिंग हुई थी, लेकिन भाजपा हार गई तो जश्न अधूरा रहा गया."
वहां मौजूद कुछ कर्मचारियों ने कहा कि अगर भाजपा जीत जाती तो यहां पीएम मोदी संबोधन करने आते. हालांकि, जब हार गए हैं तो कोई भी नेता नजर नहीं आ रहा है. यानी जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी जीत का जश्न आतिशबाजी करके मना रही थी वहीं भाजपा कार्यालय पर लोग जश्न की तैयारियों का सामान समेटते हुए नजर आ रहे थे.
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Contributeकांग्रेस मुख्यालय पर जीत के बाद राहुल गांधी ने मीडिया को संबोधित करते हुए सबसे पहले कर्नाटक की जनता समेत पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को बधाई दी. इसके बाद मीडिया के सामने एक बड़ा दावा कर दिया और कहा कि अब हर राज्य में यही देखने को मिलेगा यानी आने वाले हरेक विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार होगी. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में एक तरफ क्रॉनी कैपिटलिज़्म की ताकत थी तो दूसरी तरफ गरीब जनता की शक्ति. इस शक्ति ने ताकत को हरा दिया. यही हर राज्य में होगा.
राहुल ने कहा, "कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में गरीबों के साथ खड़ी हुई. हमने गरीबों के मुद्दों पर चुनाव लड़ा और सबसे अच्छी बात ये है कि हमने नफरत और गलत शब्दों से यह लड़ाई नहीं लड़ी. उन्होंने कहा, “कर्नाटक की जनता ने यह दिखाया कि मोहब्बत इस देश को अच्छी लगती है."
वह आगे कहते हैं, "कर्नाटक में नफरत की दुकानें बंद हुई हैं और मोहब्बत की दुकानें खुली हैं. यह सबकी जीत है और सबसे पहले यह कर्नाटक की जीत है. हमने कर्नाटक की गरीब जनता से पांच वादे किए थे, मैंने अपने भाषण में कहा कि खड़गे जी और सभी नेताओं ने कहा था कि हमारे पांच वादे हैं. हम पहले दिन, पहली कैबिनेट में इन्हें पूरा करेंगे." इस दौरान राहुल गांधी के साथ कांग्रेस नेता जयराम नरेश और पवन खेड़ा समेत कई नेता मौजूद रहे.
वहीं, इससे पहले इमरान प्रतापगढ़ी ने न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए कहा कि वे कर्नाटक में मिली जीत से खुश हैं और यह कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की जीत है. भारत जोड़ो यात्रा की जीत है.
बजरंग दल को बैन करने के सवाल पर प्रतापगढ़ी कहते हैं, "कांग्रेस ने ये कहा था कि नफरत की किसी भी राजनीति को बैन करेंगे. हम नफरत की किसी भी राजनीति को अपने राज्यों में पनपने नहीं देंगे. हम नफरत के खिलाफ हैं और मोहब्बत के साथ हैं. हम भारत को जोड़ने के साथ हैं.”
जब कर्नाटक में वोटों की गिनती चल रही थी तब दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय के बाहर भारी भीड़ और गाड़ियों का जमावड़ा लगना जारी था. कांग्रेस ने जीत का आंकड़ा छुआ भी नहीं था कि उससे पहले ही दफ्तर के बाहर कांग्रेस की प्रचंड जीत के होर्डिंग लटक चुके थे. मुख्यालय के भीतर कांग्रेस कार्यकर्ता ढोल नगाड़े के साथ नाच रहे थे तो वहीं आतिशबाजी के पटाखों की गूंज इतनी थी कि दफ्तर के अंदर मौजूद लोग काफी देर तक सिर्फ इशारों में ही बात कर पा रहे थे.
बता दें कि कर्नाटक चुनाव में 224 सीटों में से कांग्रेस ने 136 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं बीजेपी 65 तो जेडीएस ने 19 सीटों पर ही जीत हासिल की है. जबकि अन्य के खाते में चार सीटें आई हैं.
2024 में होने वाले चुनावों के लिए यह जीत कई मायनों में अहम है. माना जा रहा था कि कर्नाटक जिसके भी हाथ लगेगा वह 2024 के चुनावों में भी अच्छा करेगा. यही वजह थी कि इस राज्य के लिए दोनों ही पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी. पीएम मोदी ने भी इस राज्य में कई रैलियां और लंबे रोड शो किए. हालांकि नतीजे बता रहे हैं कि इनका राज्य में कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा. कर्नाटक हार के साथ ही दक्षिण से भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया है.
इस चुनाव में बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के कई निवर्तमान मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष भी चुनाव हार गए हैं. विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी के अलावा मंत्री बी. श्रीरामुलु, के सुधाकर, जे. सी. मधुस्वामी, गोविंद करजोल, एम. टी. बी नागराज और के. सी. नारायण गौड़ा को हार का सामना करना पड़ा.
कर्नाटक चुनावों में जीत पर पीएम मोदी ने कांग्रेस को बधाई दी है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस पार्टी को बधाई. लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मेरी तरफ से शुभकामनाएं.
वहीं एक अन्य ट्वीट में कहा कि मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने कर्नाटक चुनाव में हमारा साथ दिया है. मैं भाजपा कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत की सराहना करता हूं. हम आने वाले समय में और भी अधिक जोश के साथ कर्नाटक की सेवा करेंगे.
राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा कि गरीबों की शक्ति ने भाजपा के पूंजीपति मित्रों की ताकत को हराया है.
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