दिल्ली: मयूर विहार में गरीब बच्चों की पाठशाला पर चला बुलडोजर

पाठशाला तोड़े जाने के सवाल पर मयूर विहार के एसडीएम ने बताया कि स्कूल अनाधिकृत जगह पर था इसलिए बिना नोटिस दिए तोड़ दिया गया.

  • Share this article on whatsapp

दिल्ली के मयूर विहार फ्लाईओवर के नीचे गरीब बच्चों के लिए चल रहे अस्थाई वनफूल पाठशाला को 11 जनवरी को प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया. इस पाठशाला में करीब 250 बच्चे पढ़ते थे. स्कूल के संस्थापक संचालक नरेश पाल ने हमें बताया, "एक दिन पहले हमारे स्कूल में आकर बोला गया था कि सामान निकाल लो वर्ना यहां पर बुलडोजर चला दिया जाएगा, तब मैं दिल्ली में नहीं था. अगले दिन हमें स्कूल से सारा सामान निकालने का भी समय नहीं दिया गया और सब तोड़ दिया गया."

बता दें कि पहले लॉकडाउन के दौरान देश में जब कक्षाएं ऑनलाइन लगने लगीं तब यह स्कूल मयूर विहार की झुग्गियों और यमुना खादर के आस-पास के गांव में रहने वाले गरीब बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ था. क्योंकि इन इलाकों में ज्यादातर परिवार ऑनलाइन पढ़ाई के लिए जरूरी डिजिटल संसाधन जुटाने में सक्षम नहीं थे.

नरेश कहते हैं, "एक तरफ नारा दिया जाता है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और दूसरी तरफ उन्हीं लड़कियों के लिए बने स्कूल को तोड़ दिया जाता है."

आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली 14 वर्षीय रिंकी इसी पाठशाला में पढ़ती थीं. रिंकी के पिता नहीं हैं और वह अपनी मां के साथ यमुना खादर की एक झोपड़ी में रहती हैं. रिंकी बताती हैं, “मैं रोज घर से एक घंटा चलकर यहां पढ़ने आती थी. मुझे यहां पढ़ना काफी अच्छा लगता था. हम चाह रहे थे कि हमारा स्कूल टूटे ना, लेकिन बाहर से लोग आए उन्होंने हमारा स्कूल तोड़ दिया. बहुत बुरा लग रहा है क्योंकि हमारी पढ़ाई भी मारी गई और सर का भी बहुत नुकसान हो गया."

रिंकी की मां शांति  यमुना खादर के खेतों में काम करती हैं.

वह बताती हैं, "हम तो पढ़ लिख नहीं पाए लेकिन हम चाहते थे कि हमारे बच्चे पढ़ें लेकिन अब वह सपना भी टूट गया. खेती का काम करके इतनी आमदनी नहीं हो पाती कि हम प्राइवेट में पढ़ा सकें."

कुछ ऐसी ही कहानी दो बहनों नूपुर और दीपिका की है. नूपुर नौवी और दीपिका आठवीं कक्षा में पढ़ती हैं. इनके मां-बाप बचपन में ही गुजर गए थे. दोनों बहने अपने नाना-नानी के साथ यमुना खादर में एक झोपड़ी में रहती हैं. और वह भी इसी पाठशाला  में पढ़ने आती थीं. रिंकी नूपुर और दीपिका की तरह करीब 150 लड़कियां इस पाठशाला में रोजाना पढ़ने आती थीं.

स्कूल तोड़े जाने के सवाल पर मयूर विहार के एसडीएम संदीप दत्ता कहते हैं, "हमारे पास अतिक्रमण हटाने के लिए पीडब्ल्यूडी की तरफ से रिक्वेस्ट आई थी. वह स्कूल अनाधिकृत जगह पर था इसलिए बिना नोटिस दिए तोड़ दिया गया. अनाधिकृत जगह पर बने किसी भी संरचना को तोड़ने के लिए नोटिस देने की जरूरत नहीं होती. दूसरी बात वह स्कूल यमुना के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आता था और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन की अनुमति नहीं है."

देखें पूरा वीडियो- 

subscription-appeal-image

Support Independent Media

The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.

Contribute
subscription-appeal-image

Support Independent Media

The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.

Contribute
Also see
article imageबरेली के सरकारी स्कूल से ग्राउंड रिपोर्ट: 'ज्यादा दबाव पड़ा तो हम घर बेच कर चले जाएंगे'
article imageजहां बेघर ठंड से जूझ रहे हैं, वहीं दिल्ली के रैन बसेरे चलाने वाले अधिकांश एनजीओ फंड्स के संकट में फंसे हैं
subscription-appeal-image

Power NL-TNM Election Fund

General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.

Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?

Support now

You may also like