बागेश्वर बाबा उर्फ धीरेंद्र शास्त्री: आस्था का दोहन, सियासत की शह और चमत्कार का तड़का

“अपनी ज़मीन की रजिस्ट्री तुम्हें हमारे नाम करनी पड़ेगी अन्यथा हम तुम्हारे पूरे परिवार को नष्ट कर देंगे.”

WrittenBy:प्रतीक गोयल
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नवम्बर 2022 के पहले हफ्ते की एक रात को तकरीबन साढ़े 12 बजे 26 साल के संतोष सिंह बदहवास अपने घर की तरफ दौड़े जा रहे थे. उस रात छतरपुर (मध्य प्रदेश) जिले के गढ़ा गांव में रहने वाले संतोष की तीन एकड़ ज़मीन पर कब्ज़ा हो गया था. उस जमीन पर मौजूद संतोष की 27 दुकानों को तोड़ दिया गया था. तकरीबन 100 लोगों का हुजूम एक बुलडोजर लेकर उनकी जमीन पर कब्जा करता जा रहा था. संतोष ने उनसे गुहार लगाई तो हमलावर हिंसक हो गए. इसके बाद संतोष को अपनी जान बचाकर वहां से भागना पड़ा. 

उस रात संतोष की जमीन पर कब्जा करने वाली भीड़ बागेश्वर धाम के ख्याति प्राप्त बाबा धीरेंद्र शास्त्री के समर्थक और परिजन थे.

भूत-प्रेत भगाने और भविष्य ज्ञान का दावा करने वाले धीरेंद्र शास्त्री पिछले कुछ दिनों से खासी चर्चा में हैं. चर्चा का पहला सबब उनका पांच जनवरी से 13 जनवरी के बीच नागपुर का दौरा रहा. वो नागपुर कथा वाचन और अपने कथित चमत्कार का प्रदर्शन करने गए थे. वहां पर अखिल भारतीय अंध-श्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रमुख श्याम मानव ने शास्त्री को अपना दावा सिद्ध करने की चुनौती दे डाली. इसके बाद शास्त्री अपना कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर नागपुर से निकल गए.

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