अदालत ने दीपक चौरसिया के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट

दीपक चौरसिया पर 2013 में लगे आरोपों पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश न होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया.

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पोस्को न्यायालय ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए एंकर दीपक चौरसिया की अनुपस्थिति का कारण पूछा था.

दरअसल जुलाई 2013 में आसाराम बापू एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एक नाबालिग लड़की के घर गए थे. जिसके बाद दीपक चौरसिया पर यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 2013 में इस कार्यक्रम के वीडियो को प्रकाशित किया था.

एक 10 साल की नाबालिग लड़की और उसके परिवार के "संपादित", "अश्लील" वीडियो को प्रसारित करने के साथ ही उसे स्वघोषित बाबा आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले से जोड़ कर दिखाया गया था. इसके बाद लड़की ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि उनके घर के कार्यक्रम को गलत तरीके से एडिट करके आसाराम की छवि को धूमिल किया गया.

अदालत की कार्यवाही के दौरान आरोपी दीपक चौरसिया वहां मौजूद नहीं रहे, उनकी तरफ से दलील दी गई थी कि उनकी ब्लड शुगर बढ़ने की वजह से वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके, अदालत ने कहा कि उन्होंने इसके लिए कोई मेडिकल साक्ष्य या प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत नहीं किया. दीपक चौरसिया के द्वारा ऐसी दलील दूसरी बार दी गई, इससे पहले भी चौरसिया 23 सितंबर 2022 को सुनवाई में हाजिर नहीं हो सके थे. 

अदालत ने कहा कि आरोपी पक्ष जानबूझ कर कोर्ट में पेश होने से बच रहा है, इसलिए उन्हें छूट देने का कोई आधार नहीं बनता और उनकी जमानत को खारिज किया जाता है. अदालत ने आगे कहा कि दीपक चौरसिया के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 446 के तहत गिरफ्तारी वारंट 21 नवंबर 2022 को जारी किया जाता है, साथ ही उनके जमानतदार को भी नोटिस जारी किया जाता है.

इसके साथ-साथ इसी मामले के एक अन्य आरोपी ललित सिंह की जमानत को भी अदालत में अनुपस्थित रहने की वजह से खारिज कर दिया गया.

कोर्ट ने कहा कि सुनवाई के दौरान उन्हें सुबह से कई बार कॉल किया गया, अभी दोपहर 12:45 बजे तक उनकी प्रतीक्षा की गई, लेकिन अब और ज्यादा इंतजार नहीं किया जाएगा. ललित कुमार के लिए भी सीआरपीसी की धारा 446 के तहत 21 नवंबर 2022 के लिए अरेस्ट वारंट जारी किया जाता है.

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