शपथग्रहण कार्यक्रम
16 मार्च को भगंवत मान ने राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. इस कार्यक्रम के लिए पंजाब सरकार ने टीवी चैनलों और अखबारों पर खूब पैसा खर्च किया. यह पहला मौका था जब आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली के बाहर किसी दूसरे राज्य में बनी है. इसलिए नई सरकार के शपथ ग्रहण के विज्ञापन पर जमकर पैसा बहाया गया.
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार ने अखबार में शपथ ग्रहण के विज्ञापन पर 4.34 करोड़ रुपए, टीवी पर 1.1 करोड़ रुपए और रेडियो पर 22 लाख रुपए का विज्ञापन दिया. कुल मिलाकर सरकार ने अपने शपथ ग्रहण पर 5.70 करोड़ रुपए खर्च किए.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब सरकार ने शपथ ग्रहण कार्यक्रम पर करीब 3 करोड़ खर्च किए लेकिन इसके विज्ञापन पर करीब छह करोड़ रुपए खर्च किए हैं.
आरटीआई जवाब
इसी तरह पंजाब सरकार ने अपने पहले 30 दिनों के कामकाज को लेकर विज्ञापन पर 3.67 करोड़ रुपए खर्च किए. यह खर्च अखबारों में दिए गए विज्ञापनों का है. वहीं मान सरकार ने कारोबार को लेकर सुझाव मांगने के लिए अखबारों में 4.47 करोड़ का विज्ञापन दिया.
सुदर्शन और रिपब्लिक को भी विज्ञापन
पंजाब सरकार ने दो महीनों में जो विज्ञापन दिया है उनमें सुदर्शन चैनल भी शामिल है. सुदर्शन चैनल को 11 मार्च से 10 मई के बीच 17.3 लाख रूपए का विज्ञापन दिया है.
कांग्रेस पार्टी ने पंजाब सरकार द्वारा सुदर्शन न्यूज़ को विज्ञापन देने पर ट्वीट करते हुए कहा कि, भाजपा की राह पर चलते हुए, उन मीडिया चैनलों को विज्ञापन देना, जो समाज में नफरत फैलाते हैं- ये बेहद खतरनाक है और बदलाव की राजनीति तो बिलकुल नहीं है.
इस ट्वीट का जवाब देते हुए सुदर्शन टीवी के एडिटर सुरेश चह्वाणके ने कहा, “जो सरकारें हमें देती नहीं उनसे हम क़ानूनी लड़ाई लड़ कर विज्ञापन प्राप्त करते हैं, इसमें कांग्रेस की सरकारों को भी देना अनिवार्य है, क्योंकि हम डीएवीपी में रजिस्टर्ड चैनल हैं. हमारी बड़ी और प्रभावी दर्शक संख्या के होते हुए हमें विज्ञापन न देने वाले लोकतांत्रिक कैसे हो सकते हैं?”
न सिर्फ सुदर्शन बल्कि रिपब्लिक टीवी, रिपब्लिक टीवी भारत, ज़ी ग्रुप के कई चैनलों समेत कई राष्ट्रीय मीडिया चैनलों को करोड़ों रुपए का विज्ञापन दिया गया. इन चैनलों की कवरेज किसी से छुपी नहीं है. खबरिया चैनलों को लेकर कई बार सुप्रीम कोर्ट, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय समय-समय पर एडवाइजरी जारी करते रहते हैं.
रिपब्लिक के दोनों चैनलों को मिलाकर कुल 1.22 करोड़ का विज्ञापन दिया गया है. ज़ी समूह के छह चैनलों को मान सरकार ने कुल मिलाकर 2.3 करोड़ का विज्ञापन दिया.
पंजाब सरकार द्वारा इन चैनलों को दिए जा रहे विज्ञापन पर बात करने के लिए हमने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की निदेशक सोनाली गिरी से संपर्क किया लेकिन बात नहीं हो सकी.
हालांकि द प्रिंट से बात करते हुए सोनाली गिरी ने बताया कि विज्ञापन के लिए संबंधित चैनल या प्रकाशन को डीएवीपी (विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय) से पंजीकृत होना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि, पंजाब सरकार केवल डीएवीपी दरों पर विज्ञापनों का भुगतान करती हैं.
पंजाब कांग्रेस ने विज्ञापन पर खर्च को लेकर मान सरकार पर निशाना साधा है. पूर्व खेलमंत्री परगट सिंह ने आरटीआई के आधार पर विधानसभा में विज्ञापन पर हो रहे खर्च को लेकर सवाल पूछा.
उन्होंने ट्वीट कर आप सरकार पर आरोप लगाया कि, आम आदमी पार्टी राज्य के करदाताओं के पैसों का उपयोग चुनावी लाभ के लिए कर रही है.