जुबैर की गिरफ्तारी: 5 मामले जिन्हें ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक ने किया उजागर

और उन मामलों का क्या हुआ?

WrittenBy:निधि सुरेश
Date:
Article image
  • Share this article on whatsapp

3. समाचार चैनलों द्वारा मंचित 'इस्लामिक विद्वान'

टाइम्स नाउ पर पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ नुपुर शर्मा की टिप्पणियों के तीन दिन बाद ज़ी न्यूज़ पर ज्ञानवापी मस्जिद में मिले 'शिवलिंग' पर एक चर्चा हुई. इस बहस में एक स्व-घोषित इस्लामी विद्वान इलियास शराफुद्दीन भी शामिल थे, जो अक्सर समाचार चैनलों की बहसों का हिस्सा होते हैं.

बहस के दौरान शराफुद्दीन ने हिंदू धर्म का मजाक उड़ाते हुए कहा, "आप गुप्तांगों की पूजा क्यों करते हैं?"

यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने ऐसी भड़काऊ टिप्पणी की है. यह “विद्वान” 2017 से ऐसा करते आ रहे हैं और जून की शुरुआत में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई थी. दिसंबर में उन्होंने इस्लाम की आलोचना करने के लिए जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी, जो पहले वसीम रिज़वी हुआ करते थे, को मिली मौत की धमकियों का समर्थन किया था. शराफुद्दीन ने न्यूज़-18 पर कहा कि “मोदीजी को खुद रिजवी का सिर कलम करना चाहिए.” इससे कुछ दिन पहले इंडिया न्यूज़ पर उन्होंने त्यागी और यति नरसिंहानंद के सिर काटने का भी आह्वान किया था, "पहले उनका सिर कलम करो, तभी भारत में शांति होगी."

ज़ुबैर ने ज़ी न्यूज़ पर हुई बहस का एक क्लिप ट्वीट किया और दिखाया कि विभिन्न समाचार चैनल लगातार शराफ़ुद्दीन को मंच दे रहे हैं.

इसके बावजूद शराफ़ुद्दीन का समाचार चैनलों की बहसों में भाग लेना जारी है.

4. 'बाबरी को गिराया, ताज महल भी गिराएंगे'

हमारा अगला किरदार भी यति नरसिंहानंद का शिष्य है. दिसंबर 2019 में भारत में नागरिकता कानून के विरोध के दौरान संदीप आचार्य नाम के एक व्यक्ति ने यूट्यूब पर एक गाना रिलीज़ किया था. गाने का शीर्षक, “बिल फाड़ा ओवैसी ने मगर सच है ये फटा कुछ और है” था, और इसके बोल थे: “रोहिंग्या और बांग्लादेशी देश से बाहर हो जाएंगे... और जो विरोधी भौंक रहे हैं वे कुछ नहीं कर पाएंगे.”

यह गीत मयूर म्यूजिक द्वारा जारी “रोहिंग्या और बांग्लादेशी देश से बाहर जाएंगे” एल्बम का हिस्सा है.

जुबैर ने इसी साल 4 फरवरी को इसके बारे में ट्वीट किया था.

लेकिन गाना अभी भी यूट्यूब पर उपलब्ध है. मयूर म्यूजिक का यूट्यूब चैनल म्यूजिक रिलीज़ करता रहता है. मार्च में इस पर एक वीडियो रिलीज़ किया गया और उसे “बेस्ट ऑफ़ संदीप आचार्या” बताया गया. इस वीडियो का शीर्षक था, “हमने बाबरी को गिराया, हम ताजमहल भी गिराएंगे.” अप्रैल में रिलीज़ किए गए एक अन्य वीडियो में हिंदुओं से “जागने” को कहा गया. मई में “ज्ञानवापी मस्जिद मंदिर बन जाएगी” नाम से डाले इस वीडियो में कहा गया कि हिंदू “जाग चुके” हैं और ज्ञानवापी मस्जिद “एक बार फिर मंदिर बन जाएगी.”

5. 'इतनी ज़ोर से नारे लगाओ कि राष्ट्रविरोधी महिलाओं की कोख फट जाए'

1 जून को जुबैर ने स्वघोषित संत जितेंद्र सरस्वती का एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें वह लोगों से कह रहे थे कि "नारे इस तरह लगाओ कि गर्भ में राष्ट्र-विरोधी बच्चा पाल रही राष्ट्र-विरोधी महिला की कोख फट जाए.”

यह “संत” घृणा फैलाने वाले भाषण योजनाबद्ध तरीके से देता है. 23 मार्च को जुबैर ने “द कश्मीर फाइल्स” देखने के बाद हॉल में खड़े जितेंद्र का एक और वीडियो ट्वीट किया था. वीडियो में जितेंद्र ने कहा, "अगर हम नहीं जागे तो जिहादी देश को खा जाएंगे." अपना त्रिशूल लहराते हुए वे बोले, "कुछ सलमान सुरेश बनेंगे, कुछ रहमान रमेश बनेंगे, और फिर वे हमारी महिलाओं को लव जिहाद में फंसा लेंगे.”

जितेंद्र सरस्वती का यूट्यूब चैनल लगातार बढ़ रहा है. इसके 99,000 से अधिक सब्सक्राइबर और 246 वीडियो हैं, जिनमें से अधिकांश में मुसलमानों के खिलाफ हेट स्पीच है. जुबैर की गिरफ्तारी के एक दिन बाद जितेंद्र ने एक यूट्यूब लाइव होस्ट किया जहां दर्शकों को आश्वासन दिया कि “घर वापसी” यानी हिंदू बनने के लिए धर्मांतरण बड़े पैमाने पर होगा.

जितेंद्र ने कहा, "तुम्हारे माता, पिता, साड़ी सलमा और रुक्साना, सब वापस आने वाले हैं."

राजस्थान में हाल ही में एक हिंदू दर्जी का सिर कलम किए जाने पर उन्होंने कहा, “यह युद्ध की पुकार है. हिंदुओं आपको इस जिहादी युद्धघोष को स्वीकार करना चाहिए ...हमें अब घर-घर जाकर अपने हिंदुओं को जगाना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि इन देशद्रोहियों को देश से बाहर निकाल दिया जाए.”

इस यूट्यूब लाइव में पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति ने भी हिस्सा लिया था.

इस रिपोर्ट के लिए रिसर्च में तैफ अल्ताफ ने योगदान दिया.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

Also see
article imageडीसीपी केपीएस मल्होत्रा: जुबैर से लेकर सुशांत सिंह राजपूत तक हाई प्रोफाइल मामलों की जांच करने वाले अधिकारी
article imageनुपुर शर्मा तो झांकी है: भाजपा में फ्रिंज ही केंद्र है, केंद्र ही फ्रिंज है
subscription-appeal-image

Power NL-TNM Election Fund

General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.

Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?

Support now

You may also like