नुपुर शर्मा तो झांकी है: भाजपा में फ्रिंज ही केंद्र है, केंद्र ही फ्रिंज है

जैसा कि टाइम्स नाउ पर एक अदद पैनलिस्ट ने कभी भाजपा के एक प्रवक्ता से कहा था- "फ्रिंज तो हर पार्टी में हैं, लेकिन आपकी पूरी पार्टी ही फ्रिंज है."

Article image
  • Share this article on whatsapp

रस्सी-कूद में महारत रखने वाले अनुराग ठाकुर को भी इस सूची से बाहर नहीं रखा जा सकता. मूलतः हिमाचल प्रदेश के यह भाजपा नेता, नागरिकता कानून प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़काने वाले बड़े चेहरों में से एक थे. उस समय जूनियर फाइनेंस मिनिस्टर के पद पर बैठे अनुराग ने दिल्ली की एक रैली में मंच से "गद्दारों" को गोली मार देने का आह्वान किया था. उन्होंने नारा लगाया था, "देश के गद्दारों को", भीड़ ने उसके जवाब में कहा "गोली मारो सालों को." इसके अगले ही वर्ष उन्हें ऐसे "फ्रिंज" बर्ताव का नतीजा भुगतना पड़ा, उन्हें खेल व युवा मंत्रालय, तथा सूचना व प्रसारण मंत्रालय सौंप दिया गया.

दिल्ली के प्रवेश वर्मा जैसे सांसद यह तरकीब समझ गए. 2020 में दिल्ली चुनावों से कुछ दिन पहले उन्होंने कहा कि शहर के मतदाताओं को सोचना चाहिए कि वह किस पार्टी को वोट दे रहे हैं. नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का केंद्र शाहीन बाग के संदर्भ में उन्होंने कहा, "वहां लाखों लोग इकट्ठा हो रहे हैं. दिल्ली के लोगों को सोचना है और निर्णय लेना है. वे आपके घरों में घुस आएंगे, आपकी बहनों और बेटियों का बलात्कार करेंगे, उन्हें मार देंगे. आज समय है, कल मोदीजी और अमित शाह आपको बचाने नहीं आएंगे."

इससे छह साल पहले, 2014 के आम चुनाव के दौरान फतेहपुर से भाजपा सांसद निरंजन ज्योति ने दिल्ली में एक जनसभा में मतदाताओं से पूछा था- उन्हें "रामजादों" की सरकार चाहिए या "हरामजादों" की. 2019 में वे फतेहपुर से दोबारा सांसद चुनी गईं.

उन्नाव के भाजपा सांसद साक्षी महाराज जगप्रसिद्ध बड़बोले हैं. वह साक्षी महाराज ग्रुप के निदेशक हैं, जो देशभर में 17 शैक्षणिक संस्थाएं और 50 आश्रम चलाता है. 2014 में उन्होंने दावा किया कि मुस्लिम मदरसे "आतंक की शिक्षा" देते हैं और युवा लड़कों को "लव जिहाद" के लिए नकद इनाम की पेशकश की जाती है. उनके इस दावों के पीछे क्या तथ्य थे इसका उन्होंने कोई जिक्र नहीं किया और संभव है कि कोई तथ्य न भी हो. 2015 में, वह एक अन्य सभा में कहते पाए गए कि, "भारत में चार बीवियों और 40 बच्चों का विचार नहीं चल सकता लेकिन समय आ गया है कि हर हिंदू महिला, हिंदू धर्म की रक्षा के लिए कम से कम चार बच्चे पैदा करे."

इसी फेहरिस्त में एक और नाम, भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर का है. मालेगांव बम ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा ने 2019 में यह घोषित किया कि उन्हें 1992 में बाबरी मस्जिद के ध्वंस में अपनी भूमिका पर गर्व है. उन्होंने कहा, "मैं ढांचे के विध्वंस पर पछतावा क्यों करूं? मुझे उस पर गर्व है. भगवान राम के मंदिर में कुछ अनचाहे तत्व घुसना चाह रहे थे. हमें उन्हें हटाना ही था. मुझे उस पर गर्व है."

प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, खेल मंत्री और अनेकों सांसद केवल भाजपा का केंद्र नहीं हैं बल्कि वे ही भाजपा हैं. अगर भाजपा सरकार ने चुपके से ऑक्सफोर्ड अंग्रेजी शब्दकोश में ही संशोधन न कर दिया हो, तो पार्टी की 'फ्रिंज' के लिए खुद की परिभाषा ही पूरी पार्टी पर लागू होती है. और इसलिए हम एक और टाइम्स नाउ के पैनल लिस्ट पर वापस चलते हैं, न्यूज़लॉन्ड्री के एक संस्थापक अभिनंदन सेखरी, जिन्होंने एक समय पर एक भाजपा प्रवक्ता को कहा था, "फ्रिंज तो हर पार्टी में हैं, लेकिन आपकी पूरी पार्टी ही फ्रिंज है."

देवांश मित्तल और सुशांतो मुखर्जी न्यूजलॉन्ड्री में इंटर्न हैं. तैफ अल्ताफ और एना मैथ्यू ने रिसर्च में सहयोग दिया. आयुष तिवारी ने लेखन में सहयोग दिया.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

Also see
article imageन्यूज़ पोटली 343: तीन आतंकी ढेर, नुपूर शर्मा को मिली सुरक्षा और कानपुर हिंसा
article imageजहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी का भाजपा से क्या है कनेक्शन?
subscription-appeal-image

Power NL-TNM Election Fund

General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.

Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?

Support now

You may also like