पीड़िता के परिवार ने पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं, उनका कहना है कि पुलिस अगर समय रहते उनकी बात सुन लेती तो उनकी बेटी की हत्या नहीं होती.
दिल्ली के जाफरपुर की रहने वाली एक 29 वर्षीय दलित हरियाणवी सिंगर जो पिछले 11 मई से घर से लापता थी. 11 दिन बाद, 22 मई को उसका शव अर्धनग्न अवस्था में हरियाणा के रोहतक जिले के महम इलाके में हाईवे के पास से मिला.
द्वारका जिले के डीसीपी शंकर चौधरी के मुताबिक, “14 मई को परिवार की ओर से सूचना आई थी कि हमारी लड़की गायब हो गई है. उनकी सूचना के आधार पर कानूनी कार्रवाई शुरू की गई. इसी तफ्तीश के दौरान 22 तारीख को हम उन लड़कों तक पहुंचे जिनका नाम रोहित और अनिल है. उनके बयान से पता चलता है कि उन्होंने 11 तारीख को लड़की को बुलाया और हरियाणा के महम थाने जो कि रोहतक जिले में पड़ता है वहां पर उसकी हत्या कर दी. आरोपियों के खिलाफ, महम थाने में धारा 302 और 201 का मुकदमा दर्ज है.”
वहीं पीड़िता के परिवार ने पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं, उनका कहना है कि पुलिस अगर समय रहते उनकी बात सुन लेती तो उनकी बेटी आज जिंदा होती.
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Contributeक्या है पूरा मामला ?
जाफरपुर कलां इलाके में रहने वाली संगीता पेशे से एक गायिका थी, और वह 11 मई को गाने की रिकॉर्डिंग के लिए अपने दोस्त अनिल के साथ रोहतक के लिए निकली थीं. उन्होंने अपने परिवार से अगले दिन वापस लौटने की बात कही थी.
शाम को उनकी बहन आशा के फोन करने पर संगीता ने कहा कि वो कुछ देर बाद बात करेगी, क्योंकि उसके सिर में अभी दर्द हो रहा है और वह सोने जा रही है. बाद में उसका कोई कॉल नहीं आने पर जब परिवार वालों ने फिर उससे बात करने की कोशिश की तो उनका फोन बंद था. फोन बंद आने पर परिवार ने उस लड़के से संपर्क किया जिसके साथ वह गई थी. लड़के ने थोड़ी देर बाद बात कराने की बात कही थी, लेकिन जब दोबारा उसे फोन किया तो उसका फोन भी बंद था. इसके बाद परिजनों को किसी अनहोनी की आशंका हुई.
पीड़िता की बहन आशा ने कहा, “अगले दिन ही हमने जाफरपुर थाने में उसकी गुमशुदगी की सूचना दी लेकिन पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज नहीं की गई. दो दिन थाने के चक्कर लगाने के बाद 14 मई को पुलिस ने एफआईआर दर्ज तो कर ली लेकिन उसे ढूंढने में किसी भी तरह की मदद नहीं की."
मृतका के भाई कपिल इंदौरा ने बताया कि पुलिस से मदद नहीं मिलने पर उन्होंने अपने स्तर पर ही बहन की तलाश शुरू कर दी. कपिल के अनुसार, पीड़िता के एक दोस्त ने उन्हें बताया कि उसके फोन में पीड़िता के ई- मेल लॉग-इन है, जिससे फोन की आखिरी लोकेशन का पता चल सकता है. उसके आधार पर वे महम के पास एक ढाबे पर पहुंचे और किसी तरह से ढाबे के संचालक से सीसीटीवी फुटेज लिया. सीसीटीवी में संगीता दो आदमियों के साथ एक सफेद गाड़ी से उतरकर जाती हुई दिखाई दी.
उनकी बहन आशा ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में वह लड़खड़ाते हुए चल रही है और एक आदमी उसे सहारा दे रहा है. परिवार का आरोप है कि आरोपियों ने उसे किसी नशीले पदार्थ का सेवन कराया और उसके बाद उन लोगों ने उसकी हत्या कर दी.
आशा का कहना है, “हम सीसीटीवी फुटेज लेकर पुलिस के पास गए लेकिन पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की और उल्टा हमारे ही परिवार के साथ बदसलूकी की. पुलिस की ओर से कहा गया कि 25 तारीख को तुम्हारी बहन वापस आ जाएगी अभी तुम लोग घर जाओ और हमें मत सिखाओ कि क्या करना है."
आगे उन्होेंने कहा, “मेरी बहन उस दिन बहुत खुश थी. वो हरियाणा और अन्य जगहों पर गाना गाने जाया करती थी. हम पांच बहनें हैं और वही काम करके हमारा परिवार चलाती थी."
11 मई को ही कर दी थी हत्या
डीसीपी शंकर चौधरी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों रवि और अनिल ने माना है कि उन्होंने 11 मई को ही रोहतक में पीड़िता की हत्या कर दी थी. महम थाने के इंस्पेक्टर विकास के मुताबिक पहली बार देखने से ऐसा लग रहा था कि उसकी गला घोंटकर हत्या की गई.
पीड़ित परिवार और भीम आर्मी ने मीडिया को दिए बयान में कथित तौर पर गैंगरेप के बाद हत्या की बात कही है. मृतका के गले पर निशान के साथ उसका चेहरा भी जला हुआ पाया गया है. परिजनों का अनुमान है कि गला घोंटकर हत्या करने के बाद उस पर एसिड डाला गया है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आने की वजह से मौत के कारणों की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है.
"तुम्हारी बेटी मर गई है, आकर लाश ले जाओ"
11 दिनों तक पीड़िता के परिजन उसे जगह- जगह ढूंढते रहे. उनके भाई कपिल ने बताया कि 22 मई के दिन पुलिस की ओर से एक कॉल आया और कहा गया कि "तुम्हारी बेटी मर गई है, आकर लाश ले जाओ."
कपिल ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा, “उसकी बॉडी इस कदर खराब हो चुकी थी कि परिवार के लोगों ने भी मुश्किल से पहचान हुई तो फिर पुलिस ने उसे कैसे पहचान लिया? और तो और उन्हें बताने से पहले ही पुलिस ने इस खबर को मीडिया में बता दिया.
भीम आर्मी के बनाए दबाव के चलते पुलिसकर्मियों का निलंबन
युवती का शव मिलने के बाद उसके परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी और इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के निलंबन की मांग को लेकर शव के साथ जफरपुर थाने के बाहर धरने पर बैठ गए थे. पीड़ित परिवार की मदद के लिए भीम आर्मी भी उनके साथ आ गई.
23 मई की रात को आंधी और तेज बारिश के बीच, मृतका के परिजन और भीम आर्मी के नजफगढ़ जिलाध्यक्ष संदीप बागरी सहित संगठन के अन्य लोग शव के साथ थाने के बाहर धरने पर बैठे रहे. भीम आर्मी ने परिवार के साथ बैठकर आरोपियों की गिरफ्तारी, संलिप्त पुलिसकर्मियों के निलबंन और पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग की. मामले में मंगलवार दोपहर के बाद, एसएचओ कुलदीप हुड्डा सहित दो अन्य पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के कारण निलंबित कर शव परिजनों को सौंप दिया. 24 मई शाम को पीड़िता का दाह-संस्कार कर दिया गया.
जिसको माफ कर जेल से छुड़ाया वही बना कातिल
मृतका की दोस्त राधिका ने बताया कि मुख्य आरोपी रवि से तीन साल पहले संगीता की शादी तय हुई थी लेकिन रवि ने किसी और से शादी कर ली. पीड़िता ने रवि के खिलाफ 2019 में जाफरपुर थाने में धोखाधड़ी और रेप का केस दर्ज कराया था. पुलिस ने इस मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया था लेकिन उसके माफी मांगने और कोर्ट के झंझट से बचने के लिए मृतका ने उसे माफ कर दिया.
उनकी बहन आशा कहती हैं कि वो अपनी बहन को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई जारी रखेगी. वहीं भीम आर्मी से जुड़े सुरेश चावरिया ने कहा कि भीम आर्मी पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए उनके परिवार के साथ खड़ी है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस को जारी किया नोटिस
बुधवार 25 मई को भीम आर्मी के लोग दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की.
जब इस बारे में हमने स्वाति मालीवाल से बात करने की कोशिश की तो उनके ऑफिस से हमें बताया गया कि वह एक केस के सिलसिले में मुंबई गई हुई हैं.
इससे पहले स्वाति मालीवाल ने बुधवार को दिल्ली पुलिस को एक नोटिस जारी करते हुए कहा था कि दिल्ली के जाफरपुर इलाके में रहने वाली 11 मई से लापता दलित लड़की का शव रोहतक में पाया गया है. परिवार ने पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. यह एक गंभीर मामला है, इससे संबंधित सभी जरूरी सूचनाएं आयोग को मुहैया कराई जाए और आगे कार्रवाई की जाए.
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