दिल्ली में भड़काऊ भाषण: नफरती नेता, पत्रकार और पुलिस का गठजोड़?

दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में 19 दिसंबर को दिए गए भड़काऊ भाषण की एक पड़ताल.

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19 दिसंबर को देश की राजधानी दिल्ली स्थित बनारसीदास चांदीवाला सेवा स्मारक ट्रस्ट सोसायटी के ऑडिटोरियम में हिंदू युवा वाहिनी ने कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में सुदर्शन टीवी के एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके, यूपी सरकार के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री राजेश्वर सिंह, हिंदू युवा वाहिनी के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में अन्य लोग शामिल हुए.

अब इस कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें सुरेश चव्हाणके वहां आए सभी कार्यकर्ताओं को शपथ दिलाते हुए दिख रहे हैं. वीडियो में वह कहते हैं, “हम सब शपथ लेते हैं, वचन देते हैं, संकल्प लेते हैं, अपने अंतिम प्राण के क्षण तक, इस देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए, बनाए रखने के लिए, आगे बढ़ाने के लिए लड़ेंगे, मरेंगे, जरूरत पड़ेगी तो मारेंगे, किसी भी बलिदान के लिए, किसी भी कीमत पर एक क्षण पीछे नहीं हटेंगे.”

अंत में वह कहते हैं, “मैंने आज जो बाते कहीं… उसमें अगर कोई बात किसी को बुरी लगी हो तो मैं उसे वापस नहीं लूंगा क्योंकि सुनाने के लिए ही कही हैं.”

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देश की राजधानी में एक समुदाय विशेष के खिलाफ हिंसा और हिंदुओं को हथियार उठाने के लिए शपथ दिलाई जा रही है. लेकिन इस मामले में दिल्ली पुलिस कोई कार्रवाई करती हुई नज़र नहीं आ रही है.

19 दिंसबर को क्या हुआ

दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन हिंदू युवा वाहिनी की दिल्ली इकाई ने किया था. गौरतलब है कि यह संगठन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बनाया हुआ है. इस कार्यक्रम के आमंत्रण पर हिंदू युवा वाहिनी के गोरखपुर, बस्ती प्रभारी और योगी सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री राजेश्वर सिंह और हिंदू युवा वाहिनी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष राजीव साहनी समेत बड़ी संख्या में अन्य लोग भी शामिल हुए. वहीं निमंत्रण पत्र पर इन दोनों के अलावा दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी की तस्वीर भी छपी थी.

इस कार्यक्रम के पोस्टर गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन के पास बने बनारसीदास चांदीवाला सेवा स्मारक ट्रस्ट सोसायटी के आसपास सड़कों पर अभी भी लगे हैं. ऑडिटोरियम की बुकिंग का काम देखने वाले अमनप्रीत सिंह खुद को उस वायरल वीडियो से अंजान बताते हैं.

जब हमने वह वीडियो अमनप्रीत को दिखाया तब उन्होंने कहा, “यह हमारा ही ऑडिटोरियम है. इस कार्यक्रम की बुकिंग विक्रम जागड़ ने करवाई थी. यह ट्रस्ट है और वह (हिंदू युवा वाहिनी) भी ट्रस्ट है इसलिए उन्हें कार्यक्रम आयोजन की अनुमति दी गई. हमें नहीं पता की कार्यक्रम में क्या बातें हुई.”

बता दें कि विक्रम जागड़ दिल्ली हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं.

यह पूछे जाने पर की क्या कोई भी ऑडीटोरियम की बुकिंग करा सकता हैं? इस पर अमनप्रीत कहते हैं, “नहीं, सब नहीं. ट्रस्ट की तरफ से जिसको कहा जाता है उसकी बुकिंग होती है. 19 तारीख को जो प्रोग्राम हुआ उसके लिए कोई पैसा नहीं लिया गया.”

कार्यक्रम के फोटो और वीडियो को देखने पर साफ पता चलता है कि कार्यक्रम में सीटों की क्षमता से ज्यादा लोग मौजूद थे. सीटों की क्षमता और कुल शामिल लोगों के सवाल पर अमनप्रीत कहते हैं, “ऑडिटोरियम में 240 लोगों के बैठने की क्षमता है लेकिन उससे ज्यादा लोग आ गए थे. हमने उनके लिए साइड में कुर्सियां लगवाईं, फिर भी बहुत से लोग खड़े थे. कार्यक्रम में उनके ही लोग सब कुछ देख रहे थे, हमने सिर्फ उन्हें जगह दी थी.”

कार्यक्रम में सुदर्शन न्यूज़ के संपादक सुरेश चव्हाणके के भड़काऊ बयान के अलावा, वहां मौजूद राज्यमंत्री ने भी भाषण दिया था. फेसबुक पर इस भाषण का एक वीडियो मौजूद है जिसमें मंत्री कहते दिख रहे हैं- “हर मां-बाप चाहते हैं कि मेरा बेटा या बेटी डॉक्टर या इंजीनियर बने लेकिन जिस दिन हम सभी ठान लेंगे कि मेरा बेटा चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह बने, राष्ट्रहित में आगे बढ़े, उस दिन ये लादेन की औलादें पनपने वाले कठमुल्ले जो भारत माता की छाती पर रहते हैं, जो राष्ट्र विरोधी काम करते हैं, तब ये लादेन की औलादें देश के किसी भी हिस्से में पैदा नहीं होंगे.”

मंत्री जब यह बयान दे रहे थे, उस समय सुरेश चव्हाणके उनके बगल में बैठे हुए थे. वीडियो में हिंदू युवा वाहिनी के राजेश्वर सिंह इसके शुरुआत की कहानी साझा कर रहे हैं. वह कहते हैं महाराज (योगी आदित्यनाथ) के साथ मिलकर 13 लोगों ने इस संगठन की शुरूआत की थी.

राजेश्वर सिंह कहते हैं, “हिंदू युवा वाहिनी केवल हिंदू हित के लिए काम करती है. राजनीति हमारा लक्ष्य नहीं है, हिंदुत्व का विकास हमारा लक्ष्य है.”

कार्यक्रम को लेकर किए गए कई उल्लंघन

हिंदू युवा वाहिनी ने कार्यकर्ता सम्मेलन के नाम पर कई नियमों का उल्लंघन किया. विवादित बयानों के अलावा रैली निकाली गई जिसमें डीजे के अलावा बड़ी संख्या में गाड़ियों का काफिला निकाला गया. इसमें ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन हुआ.

गोविंदपुरी इलाके में ही ऑटो चलाने वाले 40 साल के पवन कुमार ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “मैं उस दिन (19 दिसंबर) ऑटो बनवा रहा था, मेट्रो स्टेशन के पास ही. उस वक्त डीजे और गाड़ियों का काफिला जा रहा था. रविवार का दिन था और वो लोग बहुत तेज़ गति से गाड़ी चला रहे थे.”

चांदीवाला इंस्टीट्यूट में काम करने वाले गार्ड देवेंद्र कहते हैं, “इस ऑडिटोरियम में पहले भी कई बार बीजेपी और उससे जुड़े संगठनों का कार्यक्रम हो चुका है. बीजेपी सांसद रमेश बिधुड़ी बहुत खास हैं इन लोगों के.”

जब हम पहुंचे तो ऑडिटोरिया का गेट बंद था

जिम्मेदारों के पास कोई जवाब नहीं

बनारसीदास चांदीवाला इंस्टीट्यूट का प्रबंधन हेट स्पीच के मामले में टालमटोल करता नज़र आया. संस्था के इंक्वायरी सेंटर पर कॉल अटेंडेंट जगमोहन नेगी से हमने किसी जिम्मेदार अधिकारी से बात करवाने के लिए कहा. उन्होंने फोन पर किसी से बात की और फिर हमसे कहा, “फिलहाल बात करने के लिए कोई अधिकारी नहीं है.”

इसके बाद हमने खुद ट्रस्ट के मैनेजर वीपी मल्होत्रा से उनके ऑफिस में मुलाकात की. 19 दिसंबर को उनके ऑ़डिटोरियम में की गई नफरती भाषणबाजी के सवाल पर वीपी मल्होत्रा पूरी तरह से अनजान बन जाते हैं. वो कहते हैं,“मुझे तो पता ही नहीं की कोई ऐसा आयोजन भी हुआ था.”

कार्यक्रम की जानकारी को लेकर दोबारा पूछने पर कहते हैं, “ऐसे तो यहां कई कार्यक्रम होते रहते हैं, उस दिन भी कोई हुआ होगा.” कार्यक्रम में हिंदू राष्ट्र को लेकर दिए गए बयान पर मल्होत्रा कहते हैं, ”कोई हिंदू किसी को भी मार नहीं सकता.”

इसके बाद मल्होत्रा इस रिपोर्टर की धार्मिक पहचान जानने पर उतारू हो जाते हैं. वो पूछते हैं, ”तुम्हारा नाम क्या है. हिंदू हो? एक बार अपना कार्ड दिखाना.” कार्ड देखने के बाद वो फिर दोहराते हैं, “देखो कोई हिंदू कभी यह नहीं कहेगा की किसी को मार दो.”

मैनेजर मल्होत्रा किसी टेपरिकॉर्डर की तरह खुद को रिपीट कर रहे थे. हमने उन्हें ऑडिटोरियम में दिए गए भड़काऊ भाषण दिखाना चाहा तो वो फिर से कहने लगे, “मुझे मत दिखाइए, मैं हिंदू हूं इसलिए एक बार फिर से बोल रहा हूं, कोई हिंदू कभी किसी को उलट-पुलट या गलत नहीं बोल सकता.”

दूसरी बार पूछने पर कहते हैं, “किसी ने क्या कहा मुझे नहीं पता.” क्या आपने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई? इस सवाल का भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

मल्होत्रा हमारे हर सवाल पर बस एक ही लाइन दोहराते रहे- हिंदू किसी को मारने की बात नहीं कह सकता. इसके बाद उन्होंने हमें जाने के लिए बोल दिया.

दिल्ली पुलिस का रवैया

इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस का रवैया भी लचर दिख रहा है. पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.

हमने पुलिस से इस बारे में जानने का प्रयास किया तो वो हमें एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी के पास टरकाते रहे. हम गोविंदपुरी थाने गए. वहां मौजूद पुलिसकर्मी ने बताया कि यह संस्थान ओखला थाने के अंदर आता है. जिसके बाद हम ओखला इंडस्ट्रियल एरिया फेस- 1 गए. वहां चौकी पर मौजूद पुलिसकर्मी ने कहा, आप ओखला इंडस्ट्रियल एरिया फेस 3 चले जाइए. वहीं आप को एसएचओ साहब मिलेंगे.

थाने पहुंचने पर एसएचओ नहीं मिले. हमने थाने के रीडर एसएसआई भूपेंद्र से पूछा कि क्या 19 दिसंबर को निकाली गई रैली और कार्यक्रम को लेकर पुलिस से अनुमति ली गई थी? इस पर भूपेंद्र कहते हैं, “इस कार्यक्रम के बारे में मैं आपको कुछ नहीं बता सकता.”

एसएचओ जितेंद्र कुमार ने एक लाइन में हमें अपनी बात कहकर पल्ला झाड़ लिया, “इस कार्यक्रम के बारे में जो कुछ पूछना है आप दिल्ली पुलिस के पीआरओ से बात करिए.”

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल कहते हैं, “इस मामले को लेकर दो-तीन लोगों ने सवाल किया है लेकिन मेरे पास इस केस को लेकर कोई जानकारी नहीं है. एसएचओ या डीसीपी ही कुछ बता पाएंगे.”

एसएचओ जितेंद्र कुमार को दोबारा फोन करने पर उन्होंने कहा, “मैं 19 दिसंबर को छुट्टी पर था, मुझे नहीं पता इसके बारे में.” इतना कहकर उन्होंने फोन काट दिया.

दक्षिण पूर्वी दिल्ली की डीसीपी ईशा पांडे 19 दिसंबर के कार्यक्रम के बारे में कहती हैं, ”इसको लेकर मैं कुछ नहीं बता सकती, आप पीआरओ से बात करिए.”

दिल्ली पुलिस के लगभग सभी जवाबदेह अधिकारी इस मामले में पल्ला झाड़ते या फिर मुंह छुपाते मिले.

सुदर्शन टीवी के प्रमुख सुरेश चव्हाणके भड़काऊ भाषण के बारे में कहते हैं, “यह शपथ 26 अप्रैल 1645 में छत्रपति महाराज शिवाजी ने रायरेश्वर मंदिर में ली थी. शब्दश: यही लाइन उन्होंने भी उपयोग की थी. क्या आप महाराज शिवाजी को अपराधी ठहराना चाहते हैं? हिंदू राष्ट्र की शपथ मैं पहली बार नहीं ले रहा था. ऐसे मेरे सैकड़ों वीडियो आपको मिल जाएंगे. मैं अपनी बात पर कायम हूं. हम छत्रपति शिवाजी का सपना पूरा करेंगे.”

वह कहते हैं, “मुझे इस कार्यक्रम में हिंदू युवा वाहिनी ने बुलाया था.” जब शपथ दिला रहे थे उस दौरान बगल में राज्यमंत्री कुर्सी पर बैठे थे उन्होंने शपथ नहीं ली. इस सवाल पर वह कहते हैं, “मुझे नहीं पता की वह कौन थे. मैं तो कार्यक्रम में सिर्फ भाषण देने गया था और भाषण देने के बाद चला गया.”

कार्यक्रम का आयोजन करने वाले हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश उपाध्यक्ष विक्रम जाखड़ को फोन करने पर उनके सहयोगी ने कहा कि विक्रम अभी व्यस्त हैं, बाद में उन्होंने हमारे फोन का उत्तर ही नहीं दिया.

हिंदू युवा वाहिनी दिल्ली प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव साहनी और राज्यमंत्री राजेश्वर सिंह से संपर्क की हमारी कोशिशें असफल रहीं.

***

(सईद उजमान के सहयोग से)

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