करनाल लाठीचार्ज: परिवार का आरोप- पुलिस के पीटने से हुई किसान सुशील की मौत

"पुलिस ने उन किसानों की पहचान पहले ही कर रखी थी जो इस आंदोलन में ज्यादा सक्रिय थे. लाठीचार्ज हुआ तो वह ठोकर खाकर गिर गए थे. पुलिस ने उस वक्त उनको बहुत मारा."

WrittenBy:मनदीप पुनिया
Date:
Article image
  • Share this article on whatsapp

जगदीप ने हमें बताया, “सुशील की मौत पुलिस लाठीचार्ज की वजह से हुई है. जिस दिन पुलिस ने हम किसानों पर लाठीचार्ज किया, उस दिन पुलिस ने किसानों को अस्पतालों तक भी नहीं पहुंचने दिया. करीब 300 किसानों पर पुलिस ने चार बार लाठीचार्ज किया था. पुलिस के डर की वजह से सिर्फ 50-60 किसानों ने मेडिकल चेकअप करवाया है और वो भी लाठीचार्ज के अगले दिन यानी 29 अगस्त को करवाया है. अगर पुलिस उसी दिन मेडिकल चेकअप करवाने देती तो शायद सुशील को बचाया जा सकता था.”

हमने जगदीप से मृतक किसान का पोस्टमार्टम करवाए जाने को लेकर भी सवाल किया. जिसके जवाब में जगदीप ने बताया, “29 अगस्त को हम लोग किसानों के मेडिकल चेकअप करवाने में उलझ गए. हम वहां पहुंच पाते उससे पहले ही प्रशासन के लोगों ने बिना पोस्टमार्टम करवाए अंतिम संस्कार करवा दिया. इतनी तानाशाही चल रही है कि किसानों को पहले बुरी तरह पीटा, फिर मेडिकल चेकअप नहीं करवाने दिया और जब एक किसान मर गया तो उसका पोस्टमार्टम तक नहीं होने दिया.”

इस मामले को लेकर हमने करनाल के डीसी निशांत यादव से भी बात करने की कोशिश की है, लेकिन अभी तक उनका कोई जवाब नहीं आया है.

हालांकि, करनाल पुलिस ने लाठीचार्ज के दौरान लगी चोटों के कारण सुशील काजल की मौत के दावे का खंडन किया है. करनाल के एसपी गंगा राम पुनिया ने एएनआई को बताया, “वह किसी अस्पताल नहीं गया. वह घर गया तो बिल्कुल सही था और उसकी नींद में मृत्यु हुई है. कुछ लोग कह रहे हैं कि उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ है. पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए गए बल के दौरान लगी चोटों के कारण उनकी मौत की खबरें झूठी हैं.”

करनाल में हुए लाठीचार्ज के विरोध में घरौंडा की अनाज मंडी में किसान पंचायत आयोजित की गई है. हरियाणा और पंजाब के करीब दस हज़ार किसान इस पंचायत में जमा हुए हैं.

पंचायत में स्टेज से किसान नेताओं ने निम्नलिखित प्रस्ताव पास किए गए हैं.

1. एसडीएम आयुष सिन्हा को तुरंत बर्खास्त किया जाए, लाठीचार्ज से शहीद हुए किसान सुशील काजल की मौत के लिए 302 का मुकदमा दर्ज हो.

2. किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले हरेक अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज किए जाएं.

3. शहीद किसान के परिवार को 25 लाख रुपये और परिवार में एक नौकरी दी जाए.

4. छह सितंबर तक मांग न माने जाने पर 7 सितंबर को करनाल में अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा.

5. जिन-जिन पुलिस वालों ने किसानों पर लाठियां चलाई हैं उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाए.

(साभार- गांव सवेरा)

Also see
article imageमीडिया से क्यों गायब हैं करनाल में किसानों के सिर फटने की खबरें!
article imageनरसिंहानंद सरस्वती एंड गैंग: महिला और मुसलमान इनका पसंदीदा शिकार हैं
subscription-appeal-image

Power NL-TNM Election Fund

General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.

Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?

Support now

You may also like