लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए सबसे कम उम्र के लवप्रीत और सबसे बुजुर्ग निछत्तर सिंह की कहानी

60 वर्षीय निछत्तर सिंह और 20 वर्षीय लवप्रीत सिंह तीन अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे, लेकिन हिंसक झड़प में दोनों ने अपनी जान गंवा दी. यह उनका पहला और आखिरी विरोध प्रदर्शन था.

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20 वर्षीय लवप्रीत सिंह

वहीं पलिया के पास चौखड़ा फॉर्म के रहने वाले लवप्रीत सिंह मरने वालों में सबसे युवा थे. उनकी उम्र केवल 20 वर्ष थी. लवप्रीत को विज्ञान में दिलचस्पी थी और इसलिए वो विदेश पढ़ने जाना चाहते थे. उन्होंने आईईएलटीएस (IELTS) की परीक्षा भी दी थी. लेकिन कोविड के कारण वो नहीं जा सके. खाली समय में लवप्रीत विदेश में कॉलेज ढूंढा करते थे.

तीन अक्टूबर के दिन लवप्रीत अपने गांव के दोस्त प्रभप्रीत के साथ बाइक से तिकुनिया के लिए निकले थे. तिकुनिया उनके गांव से डेढ़ घंटे की दूरी पर है. इस दौरान उन्हें रास्ते में प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे और भी लोग मिलते चले गए. दोनों दो बजे प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे. यह पहली बार था जब लवप्रीत किसान आंदोलन में भाग लेने गए थे. लवप्रीत की बहन अमनदीप कहती हैं, "मेरा भाई राजनीति को इतने अच्छे से नहीं समझता था. वो तिकुनिया अपने दोस्त के साथ गया था."

शाम चार बजे लवप्रीत के पिता सतनाम सिंह के पास कॉल आया. तब उन्हें पता चला कि लवप्रीत लखीमपुर हिंसा का शिकार हो गए हैं. उन्हें बताया गया कि इस समय लवप्रीत निघासन में हैं. सतनाम सिंह ने तुरंत अपनी बाइक निकाली और निघासन के लिए निकल गए. जैसे ही वह आधे रास्ते पहुंचे, उन्हें बताया गया कि लवप्रीत को इलाज के लिए लखीमपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है. और उन्हें एंबुलेंस द्वारा ले जाया जा रहा है.

लवप्रीत के पिता सतनाम सिंह और उनकी बहन अमनदीप कौर.

सतनाम सिंह ने हमें बताया, "लवप्रीत को तिकुनिया से एंबुलेंस में लखीमपुर खीरी ले जाया जा रहा था. लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले शारदा नगर पर उसने दम तोड़ दिया."

उस समय लवप्रीत की मां और दोनों छोटी बहने, 19 वर्षीय गगनदीप और 18 वर्षीय अमनदीप घर पर ही थीं.

इसके बाद लवप्रीत का शव तिकुनिया लाया गया जहां पर हिंसा हुई थी. किसान नेता और यूपी सरकार द्वारा बातचीत के बाद मरने वालों को मुआवजे का वादा किया गया. जिसके बाद 4 अक्टूबर को शाम में पिता अपने बेटे का शव घर ले गए. पांच अक्टूबर को मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार लवप्रीत की मौत ब्रेन हैमरेज और शरीर में बहुत अधिक फ्रैक्चर के कारण हुई है.

लवप्रीत का परिवार अपनी तीन एकड़ जमीन पर गन्ने की खेती करता है. मंगलवार पांच अक्टूबर को दोपहर तीन बजे परिवार ने अपने खेत में लवप्रीत का देह संस्कार कर दिया. इस पूरी घटना में लवप्रीत के दोस्त प्रभप्रीत को भी चोटें आई हैं. वो किसी से भी बात करने की हालत में नहीं है. उनका इलाज जारी है.

बता दें कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान दोपहर करीब तीन बजे तीन तेज रफ्तार में गाड़ियां किसानों को रौंदते हुए आगे बढ़ गईं. ये गाड़ियां केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की हैं. इस पूरे घटनाक्रम में आठ लोगों की जान चली गई. मरने वालों में चार किसान, दो बीजेपी कार्यकर्ता, आशीष मिश्र का ड्राइवर और एक पत्रकार शामिल है.

वायरल हो रहे वीडियो को देखकर उस दिन हुई बेरहमी और हिंसा का अंदाजा लगाया जा सकता है.

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