जोड़े पर जान का संकट और दलित झेल रहे सामाजिक-आर्थिक बहिष्कार

हरियाणा के पंचकुला में अंतरजातीय विवाह के बाद दलितों के ऊपर लड़की वापस करने का दबाव.

WrittenBy:राहुल यादव
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महापंचायत के बाद गांव में दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया है. हाल ही में अमन नाम के एक दलित लड़के के साथ गुर्जर समुदाय के लोगों ने मारपीट की है. अमन के घर गुर्जर समुदाय के लोग लाठी-डंडे लेकर पहुंच गए थे. इस बात की पुष्टि रायपुर रानी थाने के एसएचओ बच्चू सिंह ने हमसे फोन पर की. अमन के साथ हुई मारपीट के बाद गांव के दलित समाज द्वारा एससी-एसटी एक्ट के तहत रायपुर रानी थाने में मामला दर्ज़ करवाया गया था.

बहिष्कार और लड़की वापस करने के दबाव के मसले पर हमने गुर्जर समुदाय से आने वाले गांव के सरपंच निर्मल सिंह से भी बात की. निर्मल सिंह ने कहा, “दुकानें हमने खाली नहीं करवाई उन्होंने खुद खाली की हैं. किसी तरह का कोई सामाजिक बहिष्कार नहीं किया गया है. दलित समाज जहां चाहे, जब चाहे हम उनसे मिलने को तैयार हैं. लड़की का मामला तो कोर्ट मैरिज के बाद खत्म हो चुका है.”

गांव के पूर्व सरपंच करनैल कहते हैं, “21 तारीख़ वाली महापंचायत लड़की के घरवालों के कहने पर बुलाई गई थी. जिस अमन नाम के लड़के के साथ मारपीट की बात है, उसको जानबूझ कर वहां भेजा गया था. इस मामले में अब बाहर के संगठन जुड़ गए हैं जो इसे राजनीतिक रंग दे रहे हैं.”

एसएचओ रायपुर रानी बच्चू सिंह ने हमें बताया, “हम इस मामले की जांच कर रहे हैं, अभी तक सामाजिक बहिष्कार जैसा कुछ हमें नहीं मिला है. हम कोशिश कर रहे हैं कि गांव वाले आपस में इस मामले को सुलझा ले. पूरे मामले की जांच एसीपी सतीश कुमार के आधीन चल रही है.”

हमने एसीपी सतीश कुमार से भी बात की. उन्होंने कहा, “मैं पिछले कुछ दिनों से व्यस्त चल रहा था. अभी कुछ लोगों के बयान दर्ज़ करना बाक़ी है. एक हफ्ते के अंदर इस पर कार्रवाई होगी.”

फ़िलहाल गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. दलित समाज का कहना है कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है. यदि प्रशासन इस मामले में जल्दी ही कोई गिरफ़्तारी नहीं करता है तो हम पंचकुला जिला सचिवालय पर धरना देंगे.

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