अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच योगी सरकार ने टीवी चैनलों को दिया 160 करोड़ का विज्ञापन

इस दौरान नेशनल टीवी चैनल्स को 88 करोड़ और क्षेत्रीय चैनल्स को 71 करोड़ रुपए का विज्ञापन दिया गया.

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योगी सरकार द्वारा अंग्रेजी न्यूज़ चैनलों को दिए गए विज्ञापनों की बात करें तो इस दौरान सबसे ज़्यादा विज्ञापन टाइम्स ग्रुप के चैनल को मिला. टाइम्स ग्रुप के चैनल, टाइम्स नाउ, ईटी नाउ, मिरर नाउ को अक्टूबर 2020 और मार्च 2021 के बीच यूपी के जेवर में प्रस्तावित हवाई अड्डे संबंधी विज्ञापन का 4.49 करोड़ रुपये का एक संयुक्त विज्ञापन पैकेज मिला.

इसके अलावा टाइम्स नाउ, ईटी नाउ, मिरर नाउ को योगी सरकार ने अलग-अलग भी विज्ञापन दिए हैं. आरटीआई में दी गई जानकारी के मुताबिक साल 2020 में 15 जून से 23 जुलाई के बीच ईटी नाउ को करीब 15 लाख रुपए के छह विज्ञापन दिए गए. वहीं 2020 में ही 15 जून से 23 सितंबर के बीच टाइम्स नाउ को 82 लाख रुपए का विज्ञापन दिया गया. अगर बात करें मिरर नाउ की तो 15 जून 2020 से 23 सितंबर 2020 के बीच इसे 49 लाख का विज्ञापन योगी सरकार ने दिया है. इनको दिए गए ज़्यादातर विज्ञापन ‘आत्मनिर्भर भारत’ के ही हैं.

वॉयन, रिपब्लिक टीवी और न्यूज़ एक्स भी उन चैनलों में शामिल हैं, जिन्हें मोटी राशि का विज्ञापन योगी सरकार से प्राप्त हुआ.

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उत्तर प्रदेश सूचना विभाग ने आरटीआई में ‘नेशनल टीवी चैनल्स’ पर खर्च विज्ञापन की राशि 158.55 करोड़ रुपए बताया है. लेकिन जब न्यूज़लॉन्ड्री ने अलग-अलग न्यूज़ चैनलों को दिए गए विज्ञापन की राशि को जोड़ा तो कुल राशि 88.68 करोड़ रुपए आई.

विज्ञापनों का असर

योगी सरकार ने सबसे ज़्यादा विज्ञापन न्यूज़ 18 ग्रुप के न्यूज़ चैनलों को दिया है. न्यूज़ 18 हिंदी के प्राइम टाइम शो आर/पार के शो को देखने पर इसका असर साफ़ पता चला था. यहां हम आपको आर/पार में एंकर अमिश देवगन द्वारा किए गए कुछ शो के कार्यक्रमों का नाम बता रहे हैं.

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न्यूज़-18 अक्सर ही योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू करता रहता है. इस साल के सात महीने में अमीश देवगन दो बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू कर चुके हैं. एक 3 मार्च को, दूसरा हाल ही में 16 जुलाई को.

मजे की बात है कि इस आरटीआई में हिंदी और अंग्रेजी के तमाम चैनलों के नाम हैं लेकिन सरकार से सवाल करने के लिए जाना जाने वाला चैनल एनडीटीवी इस सूची से नदारद है.

उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने विज्ञापन खर्च पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. हमने उन्हें इस संबंध में कुछ सवाल भी भेजे हैं.

यह आरटीआई सूचना विभाग के उपनिदेशक दिनेश कुमार सहगल ने जारी की है. वह जन सूचना अधिकारी भी हैं. न्यूज़लॉन्ड्री ने उनसे भी बात की. उन्होंने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. हालांकि हमने उन्हें इस आरटीआई से संबंधित कुछ सवाल भेजे हैं. जवाब आने पर इस रिपोर्ट में शामिल कर लिया जाएगा.

इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

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