हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ़्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.
एनएल चर्चा के 162 वें एपिसोड में कोरोना वायरस के देशभर में बढ़ते मामले, कोरोना वैक्सीन की कमी, सुकमा-बीजापुर में हुआ नक्सली हमला, चार राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव, ममता बनर्जी को जारी चुनाव आयोग का नोटिस समेत कई अन्य विषयों का जिक्र हुआ.
इस बार चर्चा में स्वास्थ्य मामलों की पत्रकार ज्योत्सना सिंह, न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकार आनंद वर्धन और न्यूज़लॉन्ड्री के एसोसिएट एडिटर मेघनाद एस शामिल हुए. न्यूज़लॉन्ड्री के वरिष्ठ संवाददाता प्रतीक गोयल ने बीजापुर नक्सली हमले पर जानकारी दी. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
अतुल ने चर्चा की शुरुआत करते हुए बताया कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से अचानक से पूरे देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है. भारत में आ रहे नए मरीजों की संख्या विश्व में सबसे अधिक है जो कि चिंता का विषय है. आम आदमी पार्टी समेत कई विपक्षी दलों ने यूनिवर्सल वैक्सीनेशन यानि उम्र की सीमा खत्म करके सबको वैक्सीन लगाने की मांग की है. केंद्र सरकार का कहना हैं कि अभी वैक्सीन उन लोगों को लगाई जा रहा है जो जिनको इसकी जरूरत है ना की जो लोग इसे चाहते है. आनंद से सवाल पूछते हुए अतुल कहते हैं, “इस वैक्सीन प्रकिया को लेकर केंद्र सरकार के पास सारे अधिकार हैं. जैसा अन्य राज्य मांग कर रहे हैं कि सभी उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाया जाए. आप को क्या लगता है यह जायज मांग है?”
जवाब देते हुए आनंद कहते है, “मुझे लगता है समय के साथ इस कोरोना का इलाज मुमकिन हो जाएगा. जहां तक केंद्र सरकार पर सवाल है तो पहले कुछ नियम बनाए गए थे, जिन्हें अब बदलने की जरूरत है. कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद से लोगों में वैक्सीन लगवाने के लिए उत्सुकता बढ़ी है. ज्यादा से ज्यादा लोग अब वैक्सीन लगवाना चाहते है इसलिए इसके तंत्र को ठीक करने की जरूरत है. लेकिन एक बदलाव यह देखने में आया है कि पहले जो वैक्सीन के प्रति झिझक थी वह खत्म हुई है.”
इस विषय पर ज्योत्सना कहती हैं, “अभी तक के वैक्सीन की उत्पादकता देखें तो यूनिवर्सल वैक्सीनेशन अभी मुमकिन नहीं है. दिक्कत यह है कि हमने पाया है कि गरीब तबका को इससे वंचित रहना पड़ता है, पहला फेज जिसमें 60 साल की उम्र से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाया गया वह सफल रहा है. लेकिन उसमें गरीब तबकों को भी शामिल करने की जरूरत है. अगर इस बार के विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम को देखे तो वह था समानता. यह काफी सोच-समझ कर रखा गया है क्यों कि कोरोना के समय में हमें भेदभाव देखने को मिला है. हेल्थ वर्कर्स को बहुत अच्छे कोरोना वैक्सीन लगाया गया लेकिन जो कचरा उठाते हैं उन्हें अभी तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगी है जबकि वह भी बहुत जरूरी हिस्सा हैं.”
मेघनाथ को चर्चा में शामिल करते हुए अतुल कहते है, “वैक्सीन की कमी को लेकर जो विपक्षी राज्यों ने सवाल उठाए उस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कड़े शब्दों का उपयोग करते हुए कहा कि लोगों का कोविड व्यवहार ठीक नहीं है इस कारण ताजा मामलों में तेजी आई है. उससे एक दिन पहले ही उन्होंने अपनी पार्टी की बंगाल में रैली का फोटो शेयर किया था जिसमें काफी भीड़ दिख रही है. कोई कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा है. तो एक तरफ वह कोविड व्यवहार की बात कर रहे है वहीं खुद उनकी पार्टी इस तरह कोरोना के नियमों का मखौल उड़ा रही है. इन विरोधाभाष पर आप क्या कहेंगे?”
The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.
Contributeमेघनाथ कहते हैं, “कुछ राज्य जो कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर सवाल उठा रहे हैं. मुझे लगता है यह पारदर्शिता की कमी के कारण हो रहा है. केंद्र सरकार पहले ही कोविन एप का उपयोग कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए कर रही है तो उसके आंकड़े को सार्वजनिक कर देना चाहिए. इससे राज्यों में जो लड़ाई चल रही है वह खत्म हो जाएगी. बंगाल में चुनाव है इसलिए वहां देखे तो कोई कोरोना के नियम का पालन नहीं कर रहा है. वहां सभी पार्टियों की रैलियों में भारी भीड़ दिख रही है और नेता कोरोना को लेकर कुछ बोलते तक नहीं है.”
इस विषय के अलावा अन्य विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए यह पॉडकास्ट सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.
पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए.
ज्योत्सना सिंह
विजय प्रसाद की किताब - वाशिंगटन बुलेट्स
आनंद वर्धन
त्रिपुरदमन सिंह की किताब - सिक्सटीन स्ट्रॉमी डेज
मेघनाद एस
बीजापुर नक्सली हमले पर इंडियन एक्सप्रेस पर प्रकाशित विस्तृत रिपोर्ट
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी से प्रतीक गोयल की बातचीत
चार्ल्स शोभराज पर आधारित द सरपेंट सीरीज - नेटफ्लिक्स
प्रतीक गोयल
स्पॉयक्राप्ट सीरीज - नेटफ्लिक्स
अतुल चौरसिया
चार्ल्स शोभराज पर आधारित द सरपेंट सीरीज - नेटफ्लिक्स
प्रेस क्लब की राजनीति पर आधारित बसंत कुमार और आयुष तिवारी की रिपोर्ट - हिंदी और अंग्रेजी
***
प्रोड्यूसर- लिपि वत्स
रिकॉर्डिंग - अनिल कुमार
एडिटिंग - सतीश कुमार
ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह.
General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.
Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?