‘न्यूजक्लिक’ के दफ्तर पर ईडी के छापे से नाराज पत्रकार संगठनों ने की कड़ी आलोचना

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, डिजीपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने बयान जारी कर इस कार्यवाही की कड़ी निंदा की है.

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न्यूज वेबसाइट ‘न्यूजक्लिक’ के दफ्तर, उनके एडिटर्स, प्रमोटर और सीनियर मैनेजमेंट के यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को छापा मारा. इस घटना पर पत्रकार संगठनों ने गहरी चिंता जताई है. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, डिजीपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने बयान जारी कर इस कार्यवाही की कड़ी निंदा की है.

देश के 11 बड़े डिजिटल न्यूज मीडिया ग्रुप ‘डिजीपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन’ ने जारी किए बयान में ईडी की इस कार्यवाही की कड़ी निंदा करते हुए लिखा कि न्यूजक्लिक अव्वल दर्जे की पत्रकारिता करता है. सरकार और उसके सहयोगियों की आलोचना के कारण उस पर यह कार्यवाही की गई है. डिजीपब न्यूज इंडिया का मानना है कि इससे प्रेस की आजादी और लोकतंत्र दोनों पर हमला हुआ है.

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वहीं संपादकों की शीर्ष संस्था ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने आज जारी किए अपने बयान में कहा- सरकारी एजेंसियों द्वारा की जा रही छापेमारी का इस्तेमाल स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने की कोशिश के रूप में नहीं होना चाहिए. एडिटर्स गिल्ड मानता है कि हाल के दिनों में किसान आंदोलन से लेकर पहले भी सीएए में वेबसाइट का कामकाज सरकार और कुछ कॉरपोरेट घरानों के प्रति काफी आलोचनात्मक रहा है. गिल्ड ने मांग की है कि न्यूजक्लिक की खबरों से जुड़े कामकाज पर असर नहीं पड़ना चाहिए और संस्थान के पत्रकारों, सहयोगियों को किसी भी तरह से परेशान नहीं किया जाना चाहिए.

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी जारी अपने बयान में लिखा है- न्यूजक्लिक वेबसाइट और उसके संपादकों पर ईडी की रेड आलोचनात्मक पत्रकारिता को चुप कराने की एक कोशिश है. साथ ही क्लब ने पिछले एक साल में पत्रकारों पर देशद्रोह और अन्य धाराओं में लगातार हो रही एफआईआर पर भी चिंता जताई है.

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने सरकार से मीडिया हाउस पर ‘रेड राज’ और ‘गलत आरोप राज’ को खत्म करने की मांग करते हुए लोकतांत्रिक आजादी के तहत फ्री स्पीच और आजादी का अधिकार सुनिश्चित करने की मांग की है.

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देश के 11 बड़े डिजिटल न्यूज मीडिया ग्रुप ‘डिजीपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन’ ने जारी किए बयान में ईडी की इस कार्यवाही की कड़ी निंदा करते हुए लिखा कि न्यूजक्लिक अव्वल दर्जे की पत्रकारिता करता है. सरकार और उसके सहयोगियों की आलोचना के कारण उस पर यह कार्यवाही की गई है. डिजीपब न्यूज इंडिया का मानना है कि इससे प्रेस की आजादी और लोकतंत्र दोनों पर हमला हुआ है.

वहीं संपादकों की शीर्ष संस्था ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने आज जारी किए अपने बयान में कहा- सरकारी एजेंसियों द्वारा की जा रही छापेमारी का इस्तेमाल स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने की कोशिश के रूप में नहीं होना चाहिए. एडिटर्स गिल्ड मानता है कि हाल के दिनों में किसान आंदोलन से लेकर पहले भी सीएए में वेबसाइट का कामकाज सरकार और कुछ कॉरपोरेट घरानों के प्रति काफी आलोचनात्मक रहा है. गिल्ड ने मांग की है कि न्यूजक्लिक की खबरों से जुड़े कामकाज पर असर नहीं पड़ना चाहिए और संस्थान के पत्रकारों, सहयोगियों को किसी भी तरह से परेशान नहीं किया जाना चाहिए.

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी जारी अपने बयान में लिखा है- न्यूजक्लिक वेबसाइट और उसके संपादकों पर ईडी की रेड आलोचनात्मक पत्रकारिता को चुप कराने की एक कोशिश है. साथ ही क्लब ने पिछले एक साल में पत्रकारों पर देशद्रोह और अन्य धाराओं में लगातार हो रही एफआईआर पर भी चिंता जताई है.

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने सरकार से मीडिया हाउस पर ‘रेड राज’ और ‘गलत आरोप राज’ को खत्म करने की मांग करते हुए लोकतांत्रिक आजादी के तहत फ्री स्पीच और आजादी का अधिकार सुनिश्चित करने की मांग की है.

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