भिंड के पत्रकार ने एसपी को लिखा था: ‘मेरी हत्या करवाई जा सकती है’

मध्य प्रदेश के भिंड जिले में कथित खनन माफिया द्वारा ट्रक से कुचल कर मार दिए गए पत्रकार संदीप शर्मा ने पुलिस से मांगी थी सुरक्षा.

WrittenBy:शाहरोज़ अफरीदी
Date:
Article image

खोजी पत्रकार संदीप शर्मा (36), मध्य प्रदेश के एक क्षेत्रीय न्यूज़ चैनल के लिए काम करते थे. मध्य प्रदेश के भिंड जिले में रविवार सुबह उन्हें खनन में इस्तेमाल किए जाने वाले डंपर ट्रक से कुचलकर मौत के घाट उतार दिया गया.

उनके रिश्तेदार (जो घटना के गवाह भी हैं) ने जो एफआईआर दर्ज करवाई है, उसके मुताबिक घटना सुबह करीब नौ बजे की है. रिपोर्ट के मुताबिक शर्मा अपनी मोटर साइकिल पर थे जब पीछे से तेजी से आते ट्रक ने उनकी बाइक को धक्का दिया और कुचलते हुए आगे बढ़ गया.

शर्मा ने हाल में ही क्षेत्र में गैरकानूनी खनन में बालू माफिया और पुलिस के बीच मिलीभगत का खुलासा किया था. उनका दावा था कि वे माफियाओं की हिट-लिस्ट में थे. शर्मा, जो न्यूज़ वर्ल्ड के लिए काम करते थे, ने भिंड के एसपी को सुरक्षा मुहैया कराये जाने के संबंध में एक पत्र भी लिखा था. शर्मा की जान को कथित तौर पर सबसे ज्यादा ख़तरा एक सब-डिविजनल पुलिस अधिकारी से था जिसके खिलाफ उन्होंने स्टिंग ऑपरेशन किया था.

पत्र की प्रतियां प्रधानमंत्री, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश के डीजीपी और मानवाधिकार आयोग को भेजी गई थी. लेखक के पास पत्र की एक प्रति जो हिंदी में लिखी हुई है, मौजूद है. इसके अलावा संदीप र्मा के रिश्तेदारों द्वारा करवाई गई एफआईआर भी मौजूद है.

पत्र में, शर्मा बताते हैं कि 27 जुलाई, 2017 को उन्होंने सब-डिविजनल पुलिस अधिकारी इंद्रवीर सिंह भदौरिया के आधिकारिक आवास, अटेर, भिंड में उन्होंने स्टिंग ऑपरेशन किया था. इस स्टिंग में अधिकारी की अवैध खनन में संलिप्तता साबित होती है. न्यूज़ वर्ल्ड ने यह स्टिंग 25 अक्टूबर, 2017 को प्रसारित किया था. ऐसा माना जा रहा है कि तभी से ही भदौरिया शर्मा से कथित रूप से नाराज चल रहे थे.

पुलिस से सुरक्षा मांगते हुए उन्होंने लिखा था कि जब से स्टिंग जारी हुआ है, उनके और उनके परिवार को बाहुबली खनन माफियाओं से खतरा बढ़ गया है. यह कहते हुए कि उन्हें क्षेत्र में खनन माफियाओं के काम करने का तौर-तरीकों का मालूम है. शर्मा ने लिखा कि सब-डिविजनल पुलिस अधिकारी ने उनकी हत्या के लिए असमाजिक तत्वों को लगाया है. वे उनकी किसी “दुर्घटना” में हत्या करवा सकते हैं या उन्हें किसी झूठे केस में फंसा सकते हैं.

शर्मा ने गुहार लगाई थी कि सब-डिविजनल पुलिस अधिकारी को उनके पद से हटाया जाय क्योंकि वह उन्हें व उनके परिवार को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है. उन्होंने पत्र में लिखे आरोपों की जांच की भी गुजारिश की थी. सब-डिविजनल अधिकारी के खिलाफ कानूनी कारवाई करने की अपील भी की थी. पत्र के अंत में शर्मा ने लिखा कि उन्हें किसी भी तरह की क्षति पहुंचाए जाने पर, उसकी पूरी जिम्मेदारी शर्मा की होगी. उन्होंने यह पत्र अपने सहयोगी पत्रकार और मित्र विकास पुरोहित के साथ लिखा था. विकास भी इस स्टिंग में शामिल थे.

शर्मा के पत्र में यह भी लिखा है कि भदौरिया अपने गृह जिला, भिंड में पोस्टेड थे, जहां उनके कई स्थानीय रिश्तेदार हैं, खासकर असमाजिक तत्वों से. उन्होंने जोड़ा कि सब-डिविजनल अधिकारी चंबल वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से अवैध खनन कर लाखों रूपये बना रहे हैं. राजनीतिक प्रभाव के कारण उन्हें गृह जिले में पोस्टिंग मिली हुई है और वहां उन्होंने मर्डर, लूट और डकैती करने वालों का एक संगठित समूह बना लिया है.

शर्मा के करीबी मित्र विकास पुरोहित, सदमे में हैं. उन्होंने कहा कि वे भी इस स्टिंग ऑपरेशन का हिस्सा हैं और अब वे अपनी जान की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. “मैंने भी पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी. अभी तक कोई कारवाई नहीं की गई है. मेरे लिए ऐसे में काम करना बहुत मुश्किल है. मेरा परिवार मेरे लिए चिंतित है, मुझे नहीं समझ आ रहा है कि क्या करूं,” उन्होंने कहा.

“संदीप हिम्मती और शर्मीले किस्म के व्यक्ति थे. वे चंबल क्षेत्र में अवैध खनन का मामला लेकर आए थे और उन्होंने डीएसपी रैंक के अधिकारी, इंद्रवीर भदौरिया, पर स्टिंग किया था. जिसमें भदौरिया कैमरे पर घूस लेते पकड़े गये थे. हमने स्टोरी चलाई और बाद में इसे दूसरे चैनलों ने भी चलाई. लेकिन उस पुलिस अफसर के खिलाफ कोई कारवाई नहीं हुई,” न्यूज़ वर्ल्ड के एडिटर-इन-चीफ रिजवान सिद्दीकी ने बताया. “दुखद है कि इतनी कोशिशों के बावजूद हमलोग संदीप को नहीं बचा पाए.”

imageby :
imageby :

बेटा खोने के बाद सदमें में परिवार

शर्मा ने अपने करियर की शुरुआत बतौर स्ट्रिंगर शुरू की थी और दैनिक भास्कर और पत्रिका के लिए काम किया था, पुरोहित ने बताया. क्षेत्र में अवैध खनन पर खुलासे ने उनको क्षेत्र में लोकप्रिय बना दिया था. उनके स्टिंग को बाद में प्रतिष्ठित प्रकाशकों और न्यूज़ चैनलों ने चलाया था.

उनके बड़े भाई, संतोष शर्मा जो कि सीआरपीएफ में जवान थे, उनकी हत्या चार साल पहले हो गई थी, पुरोहित ने बताया. संतोष की भी उम्र कमोबेश यही थी. उनके पिता जयराम शर्मा और मां नारायणी देवी सदमें में हैं और कोई भी प्रतिक्रिया दे पाने की स्थिति में नहीं हैं. उनके पिता ने बताया कि जिस चीज़ का डर था वही हुआ. शर्मा अपने पीछे अपनी पत्नी सुनीता, दो बच्चे ऋषभ (13) और अभय (8) को छोड़ गए.

भिंड पुलिस अधिक्षक प्रशांत खरे ने सोमवार दोपहर तक मीडिया से बात करने से परहेज किया और शाम को “दुर्घटना” की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने की बात कही. “हमने हत्या की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा,” खरे ने कहा. वे बाकी किसी सवाल का जबाव देने से बचते रहे.

पुलिस इसे “दुर्घटना” बताती है

हालांकि पुलिस और प्रशासन इस घटना को दुर्घटना बता रहा है. एक वीडियो जो सोशल मीडिया पर चल रहा है उसमें शर्मा की बाइक सड़क के बाईं तरफ चल रही है. पीछे से आ रहा ट्रक बायीं तरफ मुड़ा और बाइक सवार पत्रकार को रौंदता हुआ आगे बढ़ गया. यह स्थान पुलिस स्टेशन से महज 50 मीटर की दूरी पर था.

imageby :
imageby :
imageby :

पत्रकारों की तरफ से इस घटना की कड़ी निंदा की गई है. वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के पूर्व जिला अध्यक्ष गणेश भारद्वाज ने कहा, “पत्रकार समुदाय सदमे में है. मंगलवार को इस संबंध में बैठक बुलाई गई है. हम इसमें न्यायिक जांच की मांग करने की योजना बना रहे हैं. हम लोग शर्मा के परिवार के लिए जिला प्रशासन से उचित मुआवजे, दस लाख रुपये की भी मांग करेंगे,” भारद्वाज ने कहा.

विभिन्न राजनीतिक दलों मसलन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने राज्य की राजधानी भोपाल में इस हत्या के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन्होंने पत्रकारों की सुरक्षा की मांग की और इस मामले में सीबीआई जांच की मांग भी की है. ग्वलियर में कई पत्रकारों ने शर्मा के परिवार के साथ सहानुभूति जताते हुए कैंडल मार्च निकाला और कारवाई की मांग की.

मध्य प्रदेश में भिंड और मुरैना अवैध खनन के लिए जाने जाते हैं. कुछ साल पहले मुरैना में एक आईपीएस अधिकारी को अवैध पत्थर लदे ट्रक्टर से कुचल दिया गया था.

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like